अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शनिवार को मंगल ग्रह का आंतरिक अध्ययन करने व उस पर आने वाले भूकंप की रिकॉर्डिंग के लिए तैयार किए गए पहले मोस्ट अवेटेड मिशन को लॉन्च किया है। इस मिशन को इनसाइट (इंटीरियर एक्प्लोरेशन यूजिंग साइस्मिक इनवेस्टिगेशन जऑडसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट) का नाम दिया गया है। यदि यह मिशन कामयाब रहता है तो इससे मंगल ग्रह से जुड़े कई सारे रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा।
कैलिफोर्निया में वांडेनबर्ग एयरफोर्स बेस से स्पेस लॉन्च
अंतरिक्ष यान कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग वायुसेना अड्डे से पैसिफिक समयानुसार सुबह 4.05 बजे एटलस वी. रॉकेट से लॉन्च किया गया। नासा के सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लॉन्च किए जाने से पहले धुंध ही एकमात्र चिंता की बात थी, जिसके खत्म होने के बाद लॉन्चिंग प्रक्रिया शुरू की गई। नासा के एक सुरक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘इस मिशन के तहत मंगल की सतह के नीचे क्रस्ट, मैटल और कोर का पता लगाने के लिए उत्साहित हूं।’
कॉम्प्लेक्स 3 से छोड़ा जाएगा इनसाइट मार्स लैंडर
इनसाइट मंगल के गहरे आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि पृथ्वी और इसके उपग्रह चंद्रमा समेत सभी चट्टानी खगोलीय पिंडों के निर्माण के बारे में पूर्ण जानकारी दे सके। इसके साथ ही यह भी जांच करना संभव होगा कि ग्रह के आंतरिक भाग से कितनी गर्मी प्रवाह हो रही है।
कैलिफोर्निया में वांडेनबर्ग एयरफोर्स बेस से स्पेस लॉन्च
अंतरिक्ष यान कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग वायुसेना अड्डे से पैसिफिक समयानुसार सुबह 4.05 बजे एटलस वी. रॉकेट से लॉन्च किया गया। नासा के सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लॉन्च किए जाने से पहले धुंध ही एकमात्र चिंता की बात थी, जिसके खत्म होने के बाद लॉन्चिंग प्रक्रिया शुरू की गई। नासा के एक सुरक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘इस मिशन के तहत मंगल की सतह के नीचे क्रस्ट, मैटल और कोर का पता लगाने के लिए उत्साहित हूं।’
कॉम्प्लेक्स 3 से छोड़ा जाएगा इनसाइट मार्स लैंडर
इनसाइट मंगल के गहरे आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि पृथ्वी और इसके उपग्रह चंद्रमा समेत सभी चट्टानी खगोलीय पिंडों के निर्माण के बारे में पूर्ण जानकारी दे सके। इसके साथ ही यह भी जांच करना संभव होगा कि ग्रह के आंतरिक भाग से कितनी गर्मी प्रवाह हो रही है।
ये हैं खूबियां

- मंगल पर होने वाले भूकंपों का पता लगाने के लिए उपकरण में लगाया गया एक सिस्मोमीटर
- इनसाइट मार्स लैंडर का वजन 630 किलो है।
- 99.3 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार हुई परियोजना।
- 26 नवम्बर तक सही तरीके से करने लग जाएगा काम।
- अरबों वर्ष पहले धरती की तरह पथरीले ग्रह बनने के कारणों का चल सकेगा पता।
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